सौंधी सुगंध का संगीत

Pariwar


माटी से जुड़े संगीत में एक मनमोहक महक होती है। इस महक को महसूस किया शेफाली भूष्ाण ने। उन्होंने अपने पोर्टल डब्ल्यु डब्ल्यु डब्ल्यु डॉट बीट ऑफ इंडिया डॉट कॉम में 80 लोकगीत गायकों के 5000 से ज्यादा गीत संग्रह कर रखे हैं। ये लोकगीत पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, पंजाब और उत्तरप्रदेश के विभिन्न अंचलों की मिट्टी की महक को सांसों में भर देते हंै। खास बात यह है कि शेफाली ने इस आंचलिक सुगंध को दुनियाभर के श्रोताओं तक पहुंचाने के लिए लोकगीतों को चुन-चुनकर ऑनलाइन प्रस्तुत किया है।

टीवी शो के बदले बनाया पोर्टल
दक्षिण दिल्ली की शेफाली भूष्ाण खुद भी एक गायिका और फिल्म निर्माता हैं। लोकगीत उन्हें शुरू से लुभाते रहे हैं। भारतीय लोक संगीत और क्लासिकल पर एक टीवी शो बनाने की तमन्ना उनके दिल में काफी समय से है। लेकिन वे नाराज होकर कहती हैं, "भारतीय चैनल वाले किसी सार्थक कार्यक्रम को चलाने में दिलचस्पी नहीं रखते।" पर शेफाली को निराश नहीं होना पड़ा। उनकी मुलाकात थिएटर निर्देशक एन.के. शर्मा से हुई, जिन्होंने शेफाली को अपने मित्र प्रभात अग्रवाल के साथ मिलकर लोक संगीत को ऑनलाइन लोकप्रिय बनाने का सुझाव दिया। आज उनका पोर्टल अच्छा-खासा लोकप्रिय है।

कड़ी मेहनत का प्रतिफल
40 वष्ाीΓΌय शेफाली इलाहाबाद के एक संगीत प्रेमी परिवार में जन्मीं। वे प्रशिक्षित गायिका और संगीतकार हैं। हारमोनियम और गिटार बजाना उन्हें अच्छी तरह आता है।11 साल पहले उन्होंने बीट ऑफ इंडिया को शुरू किया, तब अग्रवाल और शर्मा के अलावा अयाना गुंजन भी उनकी पार्टनर थीं। चूंकि कलाकार स्टूडियो में आने से कतराते थे, तो ये लोग वहां पहुंचकर ऑडियो-वीडियो रिकार्डिग करते थे। एक रिकार्डिग में 15 दिन तक लग जाते थे।

बिलकुल असली कंटेंट
शेफाली कहती हैं, "हमारा अधिकांश कंटेंट माटी से जुड़ा है, कोई पॉलिशिंग नहीं की गई है। बस हमने बैकग्राउंड में आ रही शोर की आवाज को हटाया है। इस प्रकार 30 घंटे का बिलकुल शुद्ध लोक संगीत हमने अपनी वेबसाइट पर संग्रहीत किया है। मुझे बताते हुए गर्व होता है कि सन् 2000 में हमारे संग्रह में श्यामलाल बेगाना, उर्मिला श्रीवास्तव और युवा मनोज तिवारी की आवाजें थीं। तिवारी, आज भोजपुरी सिनेमा के सुपर स्टार हैं, लेकिन तब वे इतने चर्चित नहीं थे।" आज इस वेबसाइट पर हिमाचल प्रदेश, ब्ा्रज, मध्यप्रदेश के मालवा, राजस्थान के ग्रामीण परिवेश से, पंजाबी, भोजपुरी और अवधी गीतों के मनमोहक सीडी सेट्स उपलब्ध हैं। संगीत प्रेमियों के लिए यह किसी मिठाई के डिब्बे सरीखा ही है।

गायकों के लिए बना वरदान
वेबसाइट ने कई गायकों की जिंदगी बदल दी। इलाहाबाद के एक गांव के सज्जन श्यामलाल बेगाना पहले एक सरकारी नौकरी करते थे। बीट ऑफ इंडिया पर आने के बाद उन्हें कई कंसट्र्स में प्रदर्शन का मौका मिला। वे मॉरीशस में भी गीत के कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके हैं। कई गायकों को बॉलीवुड में भी चांस मिला है। एक वृद्ध गायक देशराज लछानी को बनॉकबूस्टर मूवी "ओए लक्की लक्की ओए" में गाने का मौका मिला। बीवी नूरा (जो सूफियाना कलाम की मशहूर गायिका है) की बेटी स्वर्ण नूरा पंजाबी लोकगीत में चर्चित नाम बन गई हैं।

मिला संतोष्ा, अब दक्षिण की बारी
शेफाली कहती हैं, "हमें धन भले ही नहीं मिला लेकिन संतोष्ा खूब मिला। हमें इस बात पर फ ख्र है कि हमने कलाकारों के लिए एक छोटी-सी खिड़की खोली, जिससे उन्हें एक पहचान मिली।" शेफाली अब दक्षिण भारत के लोक संगीत पर काम करना चाहती हैं, वे जल्दी ही दक्षिण भारत की ओर रूख करेंगी।
शिखरचंद जैन